18 February
Special day in India

18 February Special day in India
18 february ko kya hai

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18 February Special day in India
Table of Content

  • प्लूटो डे
  • थंब एप्रिसिएशन डे
  • रामकृष्ण परमहंस जयंती

18 February Special day in India
प्लूटो डे

  • प्लूटो डे हर साल 18 फरवरी को मनाया जाता है, यह दिन 1930 में खगोलशास्त्री क्लाइड टॉम्बॉ द्वारा प्लूटो की खोज की याद में मनाया जाता है।
  •  शुरुआत में प्लूटो को सौरमंडल का नौवां ग्रह माना गया, लेकिन 2006 में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) ने इसे बौना ग्रह (Dwarf Planet) घोषित किया, जिससे वैज्ञानिकों और खगोल प्रेमियों के बीच बहस छिड़ गई।
  • इस दिन खगोलविद और विज्ञान प्रेमी प्लूटो के बारे में जानकारी साझा करते हैं। स्कूलों और संस्थानों में अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। 2015 में नासा के “न्यू होराइजन्स” मिशन ने प्लूटो की अद्भुत तस्वीरें और महत्वपूर्ण डेटा भेजे, जिससे इस छोटे लेकिन रोचक ग्रह की बेहतर समझ बनी।
  • प्लूटो डे हमें यह याद दिलाता है कि अंतरिक्ष अनगिनत रहस्यों से भरा हुआ है और हमें ब्रह्मांड की खोज जारी रखनी चाहिए। 18 February Special day in India, 18 february ko kya hai

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थंब एप्रिसिएशन डे

  • थंब एप्रिसिएशन डे हर साल 18 फरवरी को मनाया जाता है ताकि हमारे अंगूठे के महत्व को सराहा जा सके।
  •  अंगूठा हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इसकी विपरीत पकड़ (opposable grip) हमें चीजों को पकड़ने, लिखने, टाइप करने और कई जटिल कार्य करने में मदद करती है।
  • इस दिन को मनाने का उद्देश्य यह समझना है कि अगर हमारे अंगूठे न होते तो हमारा जीवन कितना कठिन होता। कई लोग मजेदार चुनौतियाँ लेते हैं, जैसे बिना अंगूठे के काम करने की कोशिश करना, जिससे उन्हें इसकी उपयोगिता का एहसास होता है।
  •  इसके अलावा, यह दिन अंगूठे की देखभाल और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे आर्थराइटिस और कार्पल टनल सिंड्रोम के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी अवसर है।
  • थंब एप्रिसिएशन डे हमें यह याद दिलाता है कि हमारे शरीर का हर हिस्सा महत्वपूर्ण है, और हमें अपने स्वास्थ्य और क्षमताओं की कदर करनी चाहिए। 18 February Special day in India, 18 february ko kya hai

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रामकृष्ण परमहंस जयंती

  • रामकृष्ण परमहंस जयंती महान संत रामकृष्ण परमहंस की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। उनका जन्म 18 फरवरी 1836 को बंगाल के हुगली जिले में हुआ था। वे एक महान संत, भक्त और आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने धार्मिक एकता और प्रेम का संदेश दिया।
  • रामकृष्ण परमहंस ने माँ काली की उपासना की और उनके दर्शन प्राप्त किए। वे सभी धर्मों को समान मानते थे और यह सिखाते थे कि ईश्वर तक पहुँचने के अलग-अलग मार्ग हो सकते हैं, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही है। उनके प्रमुख शिष्य स्वामी विवेकानंद ने उनके विचारों को आगे बढ़ाया और पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति व आध्यात्म का प्रचार किया।
  • इस दिन देशभर में रामकृष्ण मिशन के आश्रमों में प्रवचन, भजन और सामाजिक सेवा के कार्य आयोजित किए जाते हैं। यह जयंती हमें प्रेम, भक्ति और साधना का महत्व सिखाती है और हमें सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।